best hindi story Options
best hindi story Options
Blog Article
इतालो काल्विनो की कहानी : 'थेफ्ट इन केक शॉप' जो आज की अर्थनीति से बनाए-गढ़े जानेवाले समाज का एक महत्वपूर्ण क्रिटीक है, 'कफ़न' की बेतहाशा याद आती है.
बाघ उसे बहुत कुछ खिलाता था और स्थिति से अनजान, कानन धीरे-धीरे गुफा में घर जैसा महसूस करने लगी। गुफा में एक चूहा भी रहता था। चूहे ने अगले दिन बाघ को कानन को खाने की बात करते हुए सुना। चूहा तुरंत कानन के पास गया और उसे सारी बात बता दी। चिंतित कानन ने चूहे से उसकी मदद करने को कहा । उसने उसे गुफा से बाहर जाने और एक जादूगर मेंढक से मिलने का सुझाव दिया। कहानी आगे बढ़ती है । मेंढक कानन की मदद करने को तैयार हो जाता है। पर बदले मे कानन को अपना सेवक बना लेता है। मेंढक के पास एक जादुई खाल थी।
धीरे-धीरे वहां से लोगों ने कूड़ा फेंकना बंद कर दिया, और इतनी खूबसूरत पेंटिंग दीवार पर थी कि कोई अब वहां खड़े होकर पेशाब भी नहीं करता था। देखते ही देखते वह रास्ता साफ हो गया था।
शेख़ हसीना के मामले में भारत के सामने क्या हैं विकल्प?
मोरल – लक्ष्य कितना भी बड़ा हो निरंतर संघर्ष करने से अवश्य प्राप्त होता है।
चारों तरफ से सियारों ने सुरसिंह को नोच-नोच कर जख्मी कर दिया था।
बहुत-से लोग यहाँ-वहाँ सिर लटकाए बैठे थे जैसे किसी का मातम करने आए हों। कुछ लोग अपनी पोटलियाँ खोलकर खाना खा रहे थे। दो-एक व्यक्ति पगड़ियाँ सिर के नीचे रखकर कम्पाउंड के बाहर सड़क के किनारे बिखर गए थे। छोले-कुलचे वाले का रोज़गार गर्म था, और get more info कमेटी के नल मोहन राकेश
यह बच्चों के लिए एक दक्षिण भारतीय लोक कथा है
बहुत समय पहले, नीलगिरि पहाड़ियों के नीचे एक शंगरीला नाम का राज्य था। वहां का राजा – ऋषिराज बहुत दयालु और मेहनती राजा था जिसकी वजह से पूरे राज्य में खुशहाली थी। शंगरीला राज्य में एक कोकिला नाम की कोयल थी जो बहुत मधुर गीत गाने के लिए जानी जाती थी। नीलगिरि पहाड़ी के दूसरी तरफ दूसरा राज्य था जिसका नाम डोंगरीला था। डोंगरीला राज्य शंगरीला के बिलकुल विपरीत राज्य था , वह का राजा जगतगुरु बहुत ही स्वार्थी और ईर्ष्यालु राजा था।
घसीटते -घसीटते वह अपने घर पहुंच गई। उसके मम्मी – पापा और भाई-बहनों ने देखा तो वह भी दौड़कर आ गए। टॉफी उठाकर अपने घर के अंदर ले गए।
एक राजा और उसका मंत्री बहुत अच्छे मित्र थे। वे हमेशा साथ रहते थे। उनकी तरह, उनके बेटे भी एक साथ बड़े हुए और बहुत करीबी दोस्त बने । एक दिन दोनों शिकार पर गए। रास्ते में उन्हें बहुत प्यास लगी और वे थक गए इसलिए उन्होंने एक पेड़ के नीचे आराम करने का फैसला किया। मंत्री का बेटा पानी की तलाश में गहरे जंगल में चला गया। एक झरने के पास पहुँचकर उसने एक सुंदर परी को देखा। लेकिन परी के पास एक शेर बैठा था। उसने धीरे से झील से कुछ पानी निकाला और अपने दोस्त के पास वापस लौट आया।
लोग पटरियों पर कूड़ा फेंक देते और दीवार के सामने पेशाब भी करते थे, जिसके कारण वहां काफी बदबू आती थी। मुकेश को यह सब अच्छा नहीं लगता था।
मोरल – संत की संगति में दुर्जन भी सज्जन बन जाते हैं।
एक दिन मृगनैनी अपने मां के साथ घूम रही थी, तभी दो गीदड़ आ गए।